Hello Baljinder ji, इलाज - 1.अभ्यारिष्ट - भोजन के बाद दिन में दो बार 4 चम्मच गुनगुने पानी के साथ 2.आरोग्यवर्द्धनी वटी -2-0-2 भोजन के बाद 3.त्रिफला चूर्ण - 1 चम्मच रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ।
आहार- 1.फाइबर युक्त भोजन जैसे सलाद, फल, साबुत अनाज खाएं। 2.सेब, संतरा, ओट्स, भिगोए हुए और छिले हुए बादाम खाएं। 3. पानी की पर्याप्त मात्रा. 4.ब्रेड, बन्स, पिज्जा, नूडल्स, पैकेज्ड स्नैक्स जैसी मैदा से बनी चीजों से बचें। 5. रोजाना गर्म दूध पिएं. 6. खाली पेट 2-3 गिलास गर्म पानी पियें। 7. हमेशा गर्म और ताजा बना हुआ भोजन लें। 8. तले हुए भोजन, मसालेदार, तैलीय, फास्ट फूड से बचें।
योग- मंडूकासन, वज्रासन, कपालभाति, मालासन।
जीवनशैली में संशोधन - कब्ज की समस्या को नजरअंदाज न करें क्योंकि यह भविष्य में कई बीमारियों का कारण बन सकती है। कब्ज पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें। रात के खाने के बाद कम से कम 30 मिनट तक टहलें। रोजाना व्यायाम और योग करें। इन्हें फॉलो करें आपको जरूर राहत मिलेगी। अपना ध्यान रखना Regards, Dr. Anupriya
आपके द्वारा वर्णित लक्षणों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि आपको कब्ज से संबंधित समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह आम बात है और इसे आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से प्रबंधित किया जा सकता है। आपके नियमित व्यायाम और साफ-सुथरे खाने की आदतें निश्चित रूप से फ़ायदेमंद हैं, लेकिन हो सकता है आपको अपनी आहार शैली और दैनिक दिनचर्या में कुछ विशेष बदलावों की आवश्यकता हो।
सबसे पहले, अपने आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाने की कोशिश करें। इसके लिए, ताजे फल जैसे पपीता, अमरुद और हरी सब्जियाँ जैसे पालक, मटर, और दाल आदि शामिल करें। साबुत अनाज जैसे ज्वार, बाजरा और गेंहू की रोटी का सेवन भी सहायक हो सकता है।
दूसरे, अपनी दैनिक दिनचर्या में त्रिफला चूर्ण का प्रयोग जोड़ें। रात को सोने से पहले लगभग 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ लें। त्रिफला एक अत्यधिक प्रभावकारी आयुर्वेदिक संयोजन है जो आपके पाचन तंत्र को सर्वोत्तम कार्यशीलता प्रदान करता है। नियमित सेवन से आपके मल त्याग की प्रक्रिया आसान हो सकती है।
तीसरे, पर्याप्त पानी पीना जारी रखें लेकिन सुनिश्चित करें कि पानी हल्का गर्म हो। गर्म पानी पाचन अग्नि को संतुलित करने में मदद करता है और यूरिनरी सिस्टम को शुद्ध करता है।
यदि टॉयलेट के दौरान पूरी तरह महसूस नहीं होता, शौचालय में बैठकर गहरी सांस लें। अपनी पेट की मांसपेशियों को धीरे-धीरे कसें और छोड़ें, जिससे पेट की गतिविधि सुधर सकती है।
आपकी दिनचर्या में अदरक की चाय को शामिल करने का भी प्रयास करें। अदरक प्राकृतिक पाचन एन्हांसर है और कब्ज से निजात दिला सकती है। इसके अलावा, तनाव का प्रभाव भी पाचन पर पड़ता है, इसलिए ध्यान या प्राणायाम को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें ताकि मानसिक दबाव कम हो सके।
हर कोई की पाचन प्रकृति अलग होती है, तो उसमें समय लग सकता है थोडा सब्र रखना करना जरूरी। अगर बहुत ज्यादा परेशानी हो तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ से भी परामर्श लेना उचित रहेगा। उम्मीद है इन उपायों से आपको लाभ होगा।
जब आपके सुबह पेट खाली नहीं हो रहा है और दिन में भी पूरी तरह फ्रेश महसूस नहीं हो रहा है, यह आपके पाचन प्रणाली की एक समस्या की ओर इशारा कर सकता है। इसमें दोषों का असंतुलन विशेष रूप से वात दोष मुख्य कारण हो सकता है। इसका समाधान कुछ सरल और नियमित उपायों से हो सकता है।
पहले आप अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करें। सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी पीने का सिलसिला जारी रखें, लेकिन इसे धीरे-धीरे पीएं ताकि शरीर को जागने और सिस्टम को एक्टिव करने का समय मिले। इसके बाद पेट के आसन जैसे पवनमुक्तासन, भुजंगासन, और वज्रासन करें। ये आसन आपकी आंतों को उत्तेजित करते हैं और पाचन क्रिया में सहायक होते हैं।
आपकी डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ा दें। फल जैसे कि पपीता, अनार और सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी आदि को खासकर अपनी डाइट में शामिल करें। यह आपकी आंतों को साफ रखने में मदद करेंगे।
खाने को चबाकर और ध्यानपूर्वक खाएं, जल्दी-जल्दी न खाएं। दूध और दही का सेवन करें, लेकिन ध्यान रखें कि इनका सेवन त्रिफला चूर्ण के साथ करें। रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। यह आपके बृहदांत्र को साफ करेगा और कब्ज की समस्या में मदद करेगा।
यदि समस्या बनी रहती है या गम्भीर रूप ले लेती है, तो एक विशेष चिकित्सक से मिल कर परामर्श लें। यह सुनिश्चित करें कि आप सुरक्षित और संतुलित सलाह के अनुसार अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे हैं।



