Seeking Ayurvedic Treatment for Paralysis After Brain Hemorrhage - #42544
सर मेरे पिताजी 70 वर्ष की आगे है आज आज से 8 साल वर्ष पहले बाएं हाथ पैर में पैरालेस हो गया ब्रेन हेमरेज हो गया दिमाग की नस फट गई थी तो सर्जरी करवाई कोई उपचार नहीं हुआ है इसके लिए क्या उपाय है आयुर्वेद से ठीक हो सकते हैं क्या एक प्रतिशत में मोमेंट नहीं है बाएं हाथ पैर में उनके शरीर और खाना खा रहे हैं बोल रहे हैं सब कुछ कर रहे हैं सिर्फ हाथ पैर काम नहीं कर रहा है बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा है
How long has it been since the paralysis occurred?:
- More than 8 yearsWhat is the current level of care provided to your father?:
- No therapyDoes he have any other health issues?:
- Heart problemsइस स्थिति के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपचार


डॉक्टरों की प्रतिक्रियाएं
ब्रेन हेमरेज और उसके परिणामस्वरूप पैरालिसिस जैसे जटिल स्थितियों में आयुर्वेद कुछ हद तक सहायक हो सकता है, विशेषकर दीर्घकालिक देखभाल में। सीधे उपचार का वायदा करना कठिन है, लेकिन कुछ उपचार पर शायद आपको थोड़ा सुधार देखने को मिल सकता है। पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पिता की वर्तमान चिकित्सा स्थितियों का नियमित रूप से ऑलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा मूल्यांकन किया जा रहा है।
आयुर्वेद में, हम वायुव्याधि (Vata Dosha) को संतुलित करने की कोशिश करते हैं, जो इस प्रकार की स्थितियों में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। आप निम्नलिखित उपाय आजमाने पर विचार कर सकते हैं:
1. अभ्यंगम (मालिश): तिल का तेल या महारायण तेल से उनकी बाएं हाथ पैर की मालिश करें। यह रक्त संचार बढ़ाने और नसों को शक्तिशाली बनाने में मदद कर सकता है। प्रतिदिन या सप्ताह में तीन-चार बार इसे करने का प्रयास करें।
2. स्वेदन प्रक्रिया (स्टीम थेरपी): गर्म पानी के स्टिम से प्रभावित अंगों की सिकाई कर सकते हैं। इससे मांसपेशियों में सुकून और रक्त प्रवाह बढ़ने में मदद मिल सकती है।
3. पंचकर्म थेरेपी: आयुर्वेदिक क्लिनिक में पंचकर्म थेरेपी, जैसे बस्ति और नस्याम के बारे में जानकारी लें। ये थेरेपियाँ शरीर के वात को संतुलित करने में काफी प्रभावी होती हैं।
4. आहार: वात को संतुलित करने वाले आहार का सेवन करें, जैसे कि गुनगुना, सुपाच्य भोजन। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मूली, फूलगोभी से बचें। गेंहूं, जो, चावल और सब्जियों का सेवन जारी रखें।
5. योग और प्राणायाम: विशेषज्ञ की देखरेख में योगासन और प्राणायाम करने पर विचार करें। सुक्ष्म व्यायाम और प्राणायाम मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाने में मदद कर सकता है।
इन उपायों को अपनाते समय, किसी भी आयुर्वेदिक उपचार को शुरू करते समय एक विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेना अनिवार्य है। प्रभाव और प्रभावशीलता व्यक्ति पर निर्भर करती है, और इन उपायों को मौजूदा चिकित्सा उपचार के साथ ध्यानपूर्वक एकीकृत करना आवश्यक होगा।

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