एथमोइड साइनस पॉलिप, नाक से बदबू व गंध का न महसूस होना ये सभी आयुर्वेदिक दृष्टि से वात, पित्त और कफ दोषों के असंतुलन की ओर इशारा करते है। लेकिन, सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि आपके लक्षणों के पीछे पॉलिप्स का कारण क्या है। कई बार एलर्जी या संक्रमण भी ऐसा कर सकते हैं, तो इसे ज़्यादा गम्भीरता से देखना चाहिए।
लेकिन घबराने की बात नहीं है, चलिए कुछ उपायों पर ध्यान करते हैं। सबसे पहले, आप अपने आहार में कुछ बदलाव करने की कोशिश करें। ठंडे, भारी और तैलीय भोजन से बचें क्यूँकि ये कफ दोष को बढ़ा सकते हैं। अदरक की चाय पीकर देखिए, ये श्वसन प्रणाली में जमा कफ को कम करने में मदद कर सकता है।
बाकि, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, नस्य के जरिए शुद्ध तेल या गाय के घी की कुछ बूँदे नाक में डालने से फायदा हो सकता है। इसे सुबह खाली पेट प्रयोग करें, मगर इसमें चिकित्सक की सलाह लेना लाभकारी होगा।!
ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि, प्रतिदिन भाप का सेवन करना, साधारण गर्म पानी में यूकेलिप्टस तेल की कुछ बूँदे डालकर देख सकते हैं।
योग और प्राणायाम, विशेषकर अनुलोम-विलोम और भ्रामरी, आपकी श्वसन प्रणाली को सुधारने में मदद कर सकते हैं। साथ ही अपके ध्यान और मन को हल्का करने में भी सहायक हैं।
लेकिन, अगर समस्या गंभीर हो रही है और आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर उचित उपचार कराए। उम्मीद है ये उपाय आपको थोड़ी राहत देंगे। अपनी सेहत का ख्याल रखें और अगर कुछ समझ में नहीं आ रहा तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें.



