संभव है कि आपके कान की हड्डी में संक्रमण के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। आयुर्वेद में इसे “कर्ण नाद” कहा जाता है। संक्रमण और ध्वनि की समस्या को ठीक करने के लिए कुछ उपचार दिए जा सकते हैं।
पहला चरण है आपकी अग्नि या पाचन को मजबूत करना, क्योंकि यह शरीर की संपूर्ण प्रतिरक्षा और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। धन की काढ़ा पियें जिसमें अदरक, हल्दी और तुलसी का संयोजन हो सकता है। इससे शरीर की सूजन और संक्रमण कम करने में सहायता मिलती है।
अगला, “कर्णपूरण” चिकित्सा विधि के अनुसार थोड़ी सी तिल का तेल, जिसे गर्म किया गया हो, वो कान में डालें। ध्यान रहे कि तेल गुनगुना हो न की बहुत गर्म। इससे कान का संक्रमण ठीक होता है और ध्वनि की समस्या में राहत मिलती है।
आप अपने आहार में अतिरिक्त मसालेदार और तैलीय भोजन करने से बचें। ऐसा भोजन व्यवस्थापक व इसे भड़काने या बढ़ाने का काम कर सकता है।
पुनराश्चर्य है कि कैसे जीवनशैली को ठीक करने से पूरे स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इसलिए तनाव मुक्त दिनचर्या अपनाएं, रोजाना प्राणायाम करें। इसका सीधा असर उपचार प्रक्रिया पर होता है।
अंततः, अगर दर्द या परेशानी बढ़ रही हो, तो एक चिकित्सक से पुन: परामर्श लें। आयुर्वेदिक उपचार स्थिर और निरंतर होते हैं, इसलिए धैर्य आवश्यक है। कुशल चिकित्सक की सलाह से असावधानी न करें।



