Children fever a d weak immunity - #30583
मेरे 9 साल के लडके को फीवर बार बार हो जाता हे। रिपोर्ट मे सब नोमल आता हे। फीर antibiotics ka कोस करने से 3 महीन अच्छा रहता हे। शरीर मे कमजोरी जेसा रहता हे। पढ़ाई मे कमजोर रहता हे।जीदी रहता हे। हीमोग्लोबिनकम रहता हे।
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Doctors’ responses
Start with Syrup Balchaturbhadra 1tsp twice daily after food with water Chyavanprash 1tsp in the morning before breakfast with milk Liv-52 syrup 20 drops twice after food with water
फीवर की बार-बार होने वाली समस्या और कमजोरी का कारण अक्सर शरीर की इम्युनिटी का कमजोर होना हो सकता है। आयुर्वेद में, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अग्नि, धातु और दोषों के संतुलन पर ध्यान दिया जाता है।
पहला कदम है, आपके बेटे की पाचन अग्नि को मजबूत करना। उसके खाने में त्रिफला चूर्ण अगर दिन में एक बार गरम पानी के साथ दिया जाए, तो उसकी अग्नि को सुधारा जा सकता है। त्रिफला पाचन तंत्र को स्वच्छ रखती है।
दूसरा, उसकी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आँवला या आंवला रस का सेवन करेें। रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच आंवला रस दे सकते हैं। आंवला विटामिन सी में धनी होता है और शरीर की प्रतिरोध क्षमता को बढाता है।
तेसरा, उसके खाने में आयरन की मात्रा बढाए। हरी सब्जियाँ, जैसे की पालक और चुकंदर शामिल करेें। हीमोग्लोबिन के स्तर को सुधारने के लिए नियमित रूप से गुड़ और चना का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है।
लाइफस्टाइल में बदलाव के लिए, नियमित व्यायाम या योग, जैसे कि बालासन या भुजंगासन प्रतिदिन 15 मिनिट तक करने से उसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा। सोने और उठने का समय नियमित रखे जिससे उसका शरीर और मन दोनों संतुलित रहेंगे।
ध्यान रहे, अगर फीवर बहुत ज्यादा बढ जाए या किसी और जटिलता का संदेह हो तो तुरंत चिकित्सा परामर्श अवश्य लें। आयुर्वेदिक उपचार के साथ मेडिकल सलाह लेते रहना आवश्यक है।
बच्चे के बार-बार बुखार होना और शारीरिक कमजोरी की समस्या, यह संकेत हैं कि उसके शरीर में इम्यूनिटी की कमी हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, यह वात, पित्त और कफ के असंतुलन से हो सकता है, जो बच्चे के व्यक्तिगत प्रकृति और सात धातुओं की स्थिति पर निर्भर करता है।
पहले, बच्चे की पाचन अग्नि (digestive fire) को मजबूत करने की आवश्यकता है। उसके आहार में हल्के और सुपाच्य खाद्य पदार्थ जैसे मूंग की दाल की खिचड़ी, दलिया, या रागी शामिल करें। ताजे फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, किन्तु अधिकतर गर्म सुप या उबला हुआ भोजन दें ताकि पाचन में सहूलियत मिले।
टीकण औषधियाँ जैसे गिलोय और तुलसी पत्ते की चाय दिन में दो बार दें। ये इम्यूनिटी को बढ़ाने और बार-बार होने वाले उफान को नियंत्रित करने में सहायक होंगी। आप विटामिन C की मात्रा बढ़ाने के लिए आंवला या अमृतफल का भी उपयोग कर सकते हैं, जो उसे प्राकृतिक रूप से ताकत और ऊर्जावान बनाएगा।
इसके अलावा, नियमित प्राणायाम या गहरी सांस लेने के व्यायाम बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। धातुओं के लिए, उसके आहार में देसी घी को शामिल करें, विशेष रूप से करणके वात-पित्त संतुलन में मदद हो सकती है।
अंततः, चूँकि हीमोग्लोबिन कम है, आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे पालक, चुकंदर, और बादाम का सेवन करवाएं। अतिरिक्त कमजोरी या गंभीर समस्या के संकेत मिलने पर तत्काल चिकित्सा परामर्श लें, क्योंकि कभी-कभी इन लक्षणों के पीछे कोई अन्य गंभीर कारण भी हो सकते हैं जिसे समय पर पहचानना आवश्यक है।

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