हाइड्रोसेल के लिए सटीक उपचार के लिए मैं सबसे पहले आपको एक योग्य स्वास्थ्य पेशेवर से तुरंत संपर्क करने की सलाह दूंगा, खासकर अगर यह बढ़ गया है। क्योंकि कभी-कभी हाइड्रोसेल संक्रमण या अन्य गंभीर स्थितियों के कारण भी हो सकता है।
सिद्ध आयुर्वेदिक दृष्टिकोण के अनुसार, हाइड्रोसेल का संबंध वात एवं कफ दोष के असंतुलन से हो सकता है। विशेष रूप से, नाड़ी तंत्र और शरीर की उत्तकों में द्रव का संचय इसकी जड़ में हो सकता है। लेकिन आप स्वतः ही इसका घरेलु इलाज नहीं शुरू करें, बिना विशेषज्ञ की सलाह के।
कुछ आयुर्वेदिक उपाय जो आप अपने दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं, वे हैं:
1. त्रिफला चूर्ण: रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें, ये पाचन अग्नि को सुधारने और अतिरिक्त द्रव को हटाने में सहायक हो सकता है।
2. सूखी अदरक (सोंठ) और हल्दी का मिश्रण: अदरक और हल्दी का पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। यह सूजन कम करने में मदद कर सकता है।
3. हींग: हींग का उपयोग कफ दोष को संतुलित करने के लिए किया जाता है। हींग का सेवन करें या इसे गर्म पानी में मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
4. हल्की और पचने में सरल डाइट: मसालेदार, तैलीय और धूम्रपान से बचें। ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां और फलों का सेवन करें।
ये उपाय केवल तब तक करें जब तक आप किसी चिकित्सक से सलाह नहीं लेते, क्योंकि हाइड्रोसेल के आकार बढ़ने पर चिकित्सा उपचार आवश्यक हो सकता है। अगर हालत गंभीर लगे या दर्द असहनीय हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।



