Related to Irritable Bowel Syndrome - #23654
मैं 29 साल का हूं पिछले 3 4 वर्षों में मैंने अनुभव किया है कि मुझे दिन में कई बार लैट्रिन जाना पड़ता है 3 से 4 बारज्यादातर खाना खाने के 1 से 2 घंटे के बीच मे मेरा वजन सामान्य है 80 किलो और कोई शरीरिक समस्या महसूस नही करता कोई बहुत बाहर का खाना भी नही खाता कभी कभार ही होता है वो भी लिमिटेड। कृपया मुझे इसपे मदद करे क्या ऐसा होना सामान्य है
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Doctors’ responses
💡 भोजन के तुरंत बाद शौच जाना — यह पाचन कमजोरी का संकेत हो सकता है।
अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है, तो अपनी पाचन शक्ति को सुधारने के लिए निम्नलिखित आहार और जीवनशैली सुझाव अपनाएँ, साथ ही कुछ असरदार आयुर्वेदिक दवाओं से भी लाभ लें (व्यक्तिगत परामर्श आवश्यक):
🥗 आहार संबंधी सुझाव: ❌ बचना चाहिए:
फास्ट फूड, जंक फूड
ज्यादा तला-भुना और मसालेदार भोजन
✅ शामिल करें:
सुबह खाली पेट: एक गिलास गुनगुना पानी
नाश्ता (सुबह 8:00 बजे के आस-पास):
पोहा, उपमा, दलिया, मूंग दाल चिल्ला
दूध या छाछ
3–4 भीगे हुए बादाम या अखरोट
दोपहर का भोजन:
2 रोटी
दाल + मौसमी सब्ज़ी
थोड़ा सा चावल
छाछ
सलाद
दोपहर 3–4 बजे:
एक मौसमी फल (जैसे बेल, पपीता, सेव)
रात्रि भोजन (7–8 बजे तक):
2 रोटी
दाल + सब्ज़ी
सलाद जरूर लें
💧 दिनभर में भरपूर मात्रा में पानी पिएँ। 🥣 अपने भोजन में सूप, सलाद, फल और हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ शामिल करें।
medicne - sn herbals glutton ds syrup 2 spoon two times after food , sn herbals tab glutton ds 2 tab two times after food
Saath mein aap ek glass buttermilk+bhuna hua jeera powder Milakar khane ke baad pi lijiye. Saath hi saath jo parhej btaya hai aur medicines wo bhi shuru kr lijiye aap bilkul theek ho jaoge…
इस स्थिति में, यह संभावना है कि आपको ‘इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम’ या IBS की समस्या हो सकती है जो आमतौर पर ऐसी लक्षणों के कारण होती है। आपकी उम्र और वजन को देखते हुए, कुछ आहार और जीवनशैली में बदलाव आपकी मदद कर सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, आपके पाचन को ठीक करने के लिए अग्नि को संतुलित करना बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसा करने के लिए, सबसे पहले भोजन के समय और प्रकार पर ध्यान दें। तीन मुख्य भोजन को समय पर खाएँ, नाश्ते और रात के खाने के बीच में ज्यादा गैप न हो।
आहार की बात करें तो, भूख से थोड़ा कम खाते हुए मास्तिष्क को भारी न करें। गरिष्ठ, तला हुआ और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें। दिन में दो बार हल्दी, जीरा और हींग के साथ गर्म पानी का सेवन करें। इससे पाचन प्रक्रिया को सुधारने में मदद मिलेगी।
लाइफस्टाइल में कुछ सरल बदलाव जैसे सुबह की सैर, ध्यान और योग जैसे चक्रासन और सूर्या नमस्कार नियमित करें। इससे तनाव कम होगा, जो मलांचलन को संतुलित रखने में फायदेमंद होते हैं।
रेचक औषधि जैसे त्रिफला चूर्ण को रात को गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। यह आपकी बाउल मूवमेंट्स को नियमित करने में मदद कर सकता है।
अगर ये उपाय मदद नहीं करते और लक्षण गंभीर हो जाते हैं, तो यह जरूरी है कि एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें ताकि आपका व्यक्तिगत रूप से जांच की जा सके। क्योंकि कभी-कभी माहौल या मानसिक दबाव भी ऐसा प्रभाव डाल सकते हैं। अपना ध्यान रखें और जरूरी हो तो सवालजवाब में मदद ले सकते हैं।
Aap theek ho jaoge aapko pareshan hone ki jrurat nhi hai. Sabse pehle to aap jyaada mirchi masale,khatta,aur jo pachne mein bhaari ho jaise Maida in sabka parhej karein. Saath hi saath ye medicines le … 1.bilwa choorna half tsf with Luke warm water…b.d. 2.kutajghanvati 1-0-1 3.kutajarishta 20ml khane ke turant baad 20 ml paani se le. Follow up after 15 days.

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