सिफलिस जैसे गंभीर संक्रमण के लिए हमेशा एलोपैथिक डॉक्टर की सलाह ही सबसे जरूरी है, और आपका नियमित उपचार बहुत महत्वपूर्ण है। अब बाल झड़ने और आईबीएस के लक्षणों के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपायों की ओर ध्यान दे सकते हैं।
बालों के झड़ने को रोकने के लिए, शरीर के वात दोष को संतुलित करना फायदेमंद हो सकता है। नारियल तेल या ब्राह्मी आयल से नियमित रूप से सिर की मालिश करें। बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करने के लिए हर्बल शैम्पू का उपयोग करें। आंवला, रीठा और शिकाकाई का उपयोग प्राकृतिक क्लींजर के रूप में करें। इनमे मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स बालों की हेल्थ बढ़ा सकते हैं।
आईबीएस के लिए, अपनी पाचन शक्ति को सुधारने के लिए हिंग्वाष्टक चूर्ण का सेवन करने पर विचार कर सकते हैं। इसे खाने के साथ आधा चम्मच लें। आहार में ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त भोज्य पदार्थ शामिल करें, जैसे कि हरे पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज। दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना बेहतर होता है।
भोजन में मसाले जैसे सौंफ, जिंजर, और धनिया को शामिल करके पाचन सिस्टम को सहारा देने की कोशिश करें। पेट में गर्मी और एसिडिटी को शांत करने के लिए ठंडा दूध या घी के साथ छोटी इलायची का सेवन करना लाभदायक हो सकता है।
हालांकि ये उपाय कुछ राहत दे सकते हैं, लेकिन आपके लक्षण के निरंतर जारी रहने पर आपको किसी पेशेवर चिकित्सा सहायता की भी आवश्यकता हो सकती है। सुनिश्चित करें कि आप डॉक्टर की सलाह को ध्यान देते रहें।
आप जिस समस्या का सामना कर रहे हैं, उसके लिए कुछ सिद्ध-आयुर्वेदिक समाधान हैं जो आपके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। बालों के झड़ने और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए यह जरूरी है कि हम आपके दोषों की असंतुलनता को समझें। हेयर फॉल अक्सर पित्त और वात दोष की वृद्धि के कारण होता है।
आपको सबसे पहले अपने आहार पर ध्यान देना होगा। अपनी आहार योजना में आंवला, नारियल का तेल, और हरी पत्तेदार सब्जियाँ शामिल करें। आंवला के नियमित सेवन से बालों की जड़ों को मजबूती मिलती है। साथ ही, नारियल तेल से स्कैल्प की मसाज करने से भी लाभ मिलेगा।
आईबीएस के लिए, अपने पाचन अग्नि को सुधारना आवश्यक है। खाने के साथ-साथ अदरक और जीरे का प्रयोग करें। एक कप गर्म पानी में एक चम्मच अदरक का रस और जीरा पाउडर मिलाकर दिन में दो बार पिएं। ये आपके पाचन तंत्र को संतुलित करने में मदद करेगा।
प्याज का रस और नीम पत्तियों का पेस्ट भी स्काल्प पर सप्ताह में एक बार लगाया जा सकता है। ये रक्त संचार को बेहतर करेगा और बालों की वृद्धि को प्रमोट करेगा।
ध्यान और प्राणायाम भी आपके मानसिक तनाव को कम करके उल्टा केलेन्स में सुधार ला सकते हैं। गंभीरता बढ़ने पर किसी माहिर आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। यह जरूरी है कि आप अपने शरीर की भाषा को समझें और उसके अनुसार उपचार करें। यह सुझाव आपकी स्थिति के लिए उपयुक्त हो सकते हैं, मगर किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना भी जरूरी है।



