Hello Smita Start
1.Saraswatha grita ½tsp in morning, empty stomach 2.Brahmi capsule 1 after breakfast 3.Chyavanaprasha lehya 1 tsp at bedtime
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Hello, Give the following for 90 days: 1. Saraswatarishtam with gold(vaidyaratnam) 10ml—0-----10ml after breakfast and dinner by adding 10ml of water. 2. Take him to nearest place where they assess for ADHD. Take care, Kind regards.
Don’t worry take Brahmi vati 1tab bd, shankapushi syrup 20ml bd, rajwadiprash gold 1tsp with milk enough
आयुर्वेद में, याददाश्त, एकाग्रता और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ विशिष्ट जड़ी-बूटियों और जीवनशैली के बदलावों पर ज़ोर दिया जाता हैं। जीवनशैली और आहार में बदलाव (Dinacharya and Aahar)
बच्चों के लिए, स्वस्थ आदतें और सही आहार उनकी याददाश्त और स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं।
आहार (Diet) ताज़ा, हल्का और सात्विक भोजन दें। घी (Ghee) का सेवन बढ़ाएँ (याददाश्त और वात दोष को शांत करने के लिए)। जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और बासी खाने से बचें। नियमितता पढ़ाई और खेलने के लिए निश्चित समय-तालिका (Time-Table) बनाएँ। आयुर्वेद में दिनचर्या (निश्चित दैनिक रूटीन) पर बहुत ज़ोर दिया जाता है। मालिश (Abhyanga) रोज़ाना हल्के गर्म तिल के तेल से शरीर की मालिश करना (खासकर सिर की मालिश) वात दोष को शांत करता है, जो एकाग्रता और याददाश्त को बेहतर बनाने में मदद करता है। नींद सुनिश्चित करें कि उसे हर रात पर्याप्त और गहरी नींद मिले, क्योंकि यादें सोते समय मज़बूत होती हैं। खेल खेलने दें! 9 साल के बच्चे के लिए खेलना ज़रूरी है। खेलने का मतलब है शरीर का शारीरिक विकास और मन का तनाव मुक्त होना। बस ध्यान दें कि खेलने का समय पढ़ाई के समय पर हावी न हो। Treatment 1) Tab Manasa mitra vataka-1/2- before food 2 times with milk
2) Yastimadhu Churna-5g+Guduchi sattva-2.5g+Pippali churna-500mg+ milk 30 ml All boiled together - after food 1 times with mishri 3) Mridveekadi Kashaya-5 ml after food 2 times with water 4) Kalyanaka ghrita-5-10ml before food 2 times with honey
अंतिम सलाह यह समझना ज़रूरी है कि 9 साल के बच्चों के लिए याद न रहना कई बार रूचि की कमी या ध्यान भटकने (Attention Deficit) के कारण भी होता है, न कि केवल मेमोरी की कमी के कारण।
नमस्ते मै आपकी परेशानी समझ सकती हु |
✅ लक्षण
पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगना सीखी हुई बातें याद न रहना सवालों के जवाब नहीं लिख पाना खेल-कूद में ज़्यादा ध्यान, पढ़ाई में कम इम्युनिटी कमजोर
✅ आयुर्वेदिक उपचार योजना
✅ आंतरिक औषधियाँ
1 ब्रम्ही घृत – ½ चम्मच गुनगुने दूध के साथ सुबह-शाम।
2 समृती सागर रस 1-0-1 – खाना खाने के बाद।
3 च्यवनप्राश अवलेह – 1 चम्मच रोज़ सुबह – इम्युनिटी व बुद्धि वृद्धि हेतु।
✅ घर पर सरल उपाय
बादाम, अखरोट, अंजीर – रोज़ दूध में भिगोकर देना।
गुनगुना दूध + हल्दी – रात को।
रोज़ 15 मिनट सूर्य नमस्कार या योगासन (ताड़ासन, वज्रासन, ध्यानासन)।
रोज़ सुबह ताज़ी हवा में खेलकूद, सूर्य की किरणों में रहना (Vitamin D के लिए)।
✅ आहार और दिनचर्या
तैलीय, फास्ट फूड, ठंडी चीज़ें, चॉकलेट्स, कोल्ड-ड्रिंक कम करें। हरी सब्ज़ियाँ, फल, दूध, घी, अंकुरित अनाज, दालें अधिक दें। नियमित सोने-जागने का समय रखें। पढ़ाई को खेल-खेल में करवाएँ – बार-बार रटवाने से नहीं, समझाने से याद रहेगा।
कभी-कभी Vitamin D, B12, Iron deficiency भी याददाश्त व इम्युनिटी कम कर देती है – इनकी जाँच कराएँ।
आपके बेटे की समस्या का समाधान संभव है। नियमित ब्रम्ही घृत, च्यवनप्राश, पौष्टिक आहार, योग-ध्यान और खेल-पढ़ाई का संतुलन रखने से धीरे-धीरे याददाश्त व एकाग्रता बेहतर होगी और इम्युनिटी भी बढ़ेगी।
Saraswathi aristha 5-0-5 ml with equal water Arvindasava 5-0-5 ml with equal water Ashwagandha churna 0-0-1/4 th tsp with warm milk
बच्चे का ध्यान बढ़ाने व स्मरण शक्ति सुधरने के लिए आयुर्वेद में कुछ उपाय हो सकते हैं। सबसे पहले, बच्चे के आहार पर ध्यान देना आवश्यक है। आहार में पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि शुद्ध घी, बादाम, अखरोट, और फलों को शामिल करें। यह ब्रेन की हेल्थ को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
आयुर्वेद में ब्राह्मी एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी मानी जाती है जो मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होती है। ब्राह्मी का रस या ब्राह्मी के पत्तों का चूर्ण दूध के साथ नियमित रूप में सेवन करायें। यह बच्चे की याददाश्त और एकाग्रता में सुधार ला सकता है।
इसके आलावा, अश्वगंधा भी तनाव को कम कर बच्चे की मानसिक शक्ति बढ़ा सकती है। इसका चूर्ण दिन में दो बार दूध के साथ दे सकते है।
रोजाना कुछ समय के लिए प्राणायाम जैसे की अनुलोम-विलोम कराना लाभकारी होगा और बच्चे का तनाव कम होगा। इसके साथ ही, ध्यान का अभ्यास कराएं, इसे खेल की तरह खेल खेल कर बच्चे को सीखाएं जिससे उसका ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ेगी।
इम्यूनिटी के लिए आंवला और तुलसी का रस देना शुरू करें। यह प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाकर बीमारियों से लड़ने में सहायक है। ध्यान रहे, बच्चे की समग्र जीवनशैली संतुलित और नियमित हो।
यदि लक्षण गम्भीर हो, तो कृपया किसी बाल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें। बच्चा सुनिश्चित होना चाहिए सहज महसूस करता है और कोई भी उपचार मृदु और प्रभावी होता ।



