Premature ejaculation erectile dysfunction - #3007
सब बचपन की गलती है धात रोग,कमज़ोरी थकावट चिपचिपा पानी, (नाइटफॉल) स्वप्नदोष,मर्दाना कमजोरी या टाइमिंग कम होना ,लिंग सिकुड़ के छोटा होना,ढीलापन और उत्तेजना में कमी या गुप्त रोग इलाज)मेरी उम्र 31 साल unmarried हूं
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धातु रोग (धातु क्षय) का मुख्य कारण मानसिक तनाव, असंतुलित खान-पान और हस्तमैथुन की अधिकता हो सकता है। आयुर्वेद में, इसे ओजस की कमी और वात दोष की वृद्धि से जोड़ा जाता है। उपचार में पौष्टिक और बलवर्धक औषधियों का उपयोग किया जाता है।
उपचार:
औषधियां: अश्वगंधा चूर्ण और शतावरी चूर्ण 1-1 चम्मच दूध के साथ लें। चंद्रप्रभा वटी और वृष्यवटी 2-2 गोलियां दिन में दो बार। मकरध्वज रस का उपयोग डॉक्टर की सलाह से करें। आहार: दूध, घी, सूखे मेवे, और दलिया जैसे पौष्टिक आहार लें। मिर्च-मसालों और तले-भुने खाद्य पदार्थों से बचें। जीवनशैली: नियमित योग (सर्वांगासन, भुजंगासन) और प्राणायाम करें। तनाव कम करने के लिए ध्यान करें। परहेज: अत्यधिक उत्तेजक सामग्री (पोर्नोग्राफी) से बचें। अत्यधिक शारीरिक परिश्रम न करें। नियमित उपचार और जीवनशैली में सुधार से धातु रोग और कमजोरी को दूर किया जा सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श आवश्यक है।
तो सुनो, ये परेशानी कई लोगों को होती है और इसे समझने में कुछ शर्म की बात नहीं है। आयुर्वेदा में, इन लक्षणों को सम्भवत: वात और पित्त दोष के असंतुलन से जोड़ कर देखा जाता है। लेकिन डरने की कोई बात नहीं। आपके शरीर की प्रकृति, या आपकी ‘प्रकृति’, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आपके लिए कुछ उपाय बता रहा हूं जो आप अमल में ला सकते हो:
1. अश्वगंधा और शतावरी – अश्वगंधा और शतावरी जैसी जड़ी-बूटियाँ वात-पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करती हैं। इन्हें आप भस्म या पाउडर के रूप में दूध के साथ रात को ले सकते हैं।
2. पौष्टिक आहार – अपनी खाने की आदतों का ख्याल रखें। सुपाच्य भोजन खाएं जैसे की हरी सब्जियाँ, फल, और घी। इससे आपका अग्नि (डाइजेस्टिव फायर) अच्छा रहेगा।
3. प्राणायाम और योगासन – योग और प्राणायाम शरीर और मन को संतुलित रखने में मददगार हैं, जैसे की भ्रामरी और अनुलोम-विलोम।
4. सामान्य जीवनशैली – अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें। इसके लिए थोड़ा वक़्त प्रकृति के बीच बिताएं, और जंक फूड या तले-भुने खाने से बचें।
5. आयुर्वेदिक तेल मालिश – नियमित तौर पर तेल मालिश करें। इसे आपके शरीर की ऊर्जावानता और रक्त संचार में सुधार होगा।
अगर आपको लगता है कि आपकी हालत में सुधार नहीं आ रहा है, तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना सही रहेगा। ये उपाय आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन पक्का निदान और गहरा इलाज एक योग्य विशेषज्ञ ही कर सकता है।

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