आपकी स्थिति को देखते हुए, यह समझना जरुरी है कि IBS, शरीर की आंतरिक सन्तुलन प्रक्रिया में गड़बड़ी का परिणाम होता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह वात व पित्त दोष के असंतुलन के कारण होता है। सबसे पहले, आप अपने आहार और जीवनशैली का ख्याल रखें। खट्टा, तीखा और बहुत ठंडा भोजन से बचें; ये पित्त को बढ़ा सकते हैं और आपके IBS लक्षणों को खराब कर सकते हैं। इसके बजाय, हल्की गर्म और सादी चीजें जैसे खिचड़ी या ओट्स चुनें—वे पाचन को शांत करेंगे।
वजन बढ़ाने के लिए, आपका अग्नि—यानी पाचन शक्ति मजबूत होना चाहिए। त्रिफला के साथ गुनगुना पानी रात को सोने से पहले लेने से मदद मिल सकती है क्योंकि यह आग्नि को बढ़ावा देता है। चालनी से छानकर थोड़ा देसी घी और शहद मिलाएँ और नियमित लें। आयुर्वेद में ताकीद है कि दूध और घी से बने पदार्थ जैसे खीर या शीरा भी शरीर को संतुलित रखने और वजन बढ़ाने में मददगार होते हैं। बादाम का तेल रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ लें, इससे पोषण की प्रक्रिया में सुधार होगा।
आहार के साथ दिनचर्या को भी व्यवस्थित करें। सुबह जल्दी उठें और एक बार में बेहद ज्यादा ना खाएं बल्कि थोड़ी-थोड़ी मात्रा में नियमित रूप से खाये।
आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ जैसे, अश्वगंधा, और शक्तिवर्धक प्रयोग कर सकते हैं जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह शरीर को संतुलित करने में सहायक हो सकती है।
अगर लक्षण अधिक गंभीर है, या राहत नहीं मिल रही है, तो और गहरी जाँच की सलाह दी जा सकती है, क्योंकि हर शरीर की अलग प्रतिक्रिया होती है। इसे अनदेखा न करें और किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के साथ परामर्श लें। इनके संपर्क में रहकर यह सभी उपाय अपनाएं ताकि आप इन्हें व्यवस्थित रूप से लागू कर सकें।



